हल्लो दोस्तों आपका दोस्त एक और हिन्दी कहानी लेकर हाजिर है
तो दोस्तों मैं सुनाता हूं आपको अपनी सच्ची कहानी। बात उन दिनों की है
जब मैं १२ क्लास पास करके छुट्टियों में गांव गया था जहां मेरे चाची चाचा
रहते है तो मैं पहुंच गया चाची के घर।
४ -५ दिन तक तो मैं ठीक ठाक ही रहा। एक दिन मैं शाम को सड़क पर घूम रहा
था तभी मुझे एक औरत दिखी। वो बहुत खूबसूरत थी। वो हमारे घर की तरफ़ ही जा
रही थी। तभी मैं उसका पीछा करने लगा। और उसके घर पहुंचा तो चाची उनके घर पे
बैठी थी। उन्होंने मुझे देखा और मुझे बुला लिया और मेरा परिचय उन लोगों से
कराने लगी तो मुझे पता चला कि वो हमारी दूर की भाभी लगती है। उसी दिन से
मेरा उनके घर आना जाना शुरू हो गया। बस यों समझिए कि सारा दिन उनके यहां ही
गुजरता था्।
रोज की मैं तरह उनके यहाँ गया देखा कि भाभी बाथरूम से नहा के केवल एक
टॉवेल में बाहर निकली क्योंकि उनके घर में उस वक्त कोई भी नही था इस लिए
तभी उनकी नज़र मुझ पे पड़ी और वो वापस बाथरूम में चली गई और बोली कि सुमित
तुम कब आए तो मैंने कहा कि बस अभी -२ वो फ़िर पूरे कपड़ो के साथ बाथरूम से
बाहर निकली तभी मुझे ऐसी नजरो से देखा कि कुछ भी नहीं हुआ हो मैंने भी ऐसा
ही नाटक किया तभी भाभी कुछ देर में चाय ले कर आ गई और टेबल पर चाय रख कर
बोली कि तुम कहीं पर घूमने नहीं गए पूरी छुट्टियाँ यही घर में बिता दी तभी
मैं बोला चलो न हम सब लोग कहीं घूमने चलते है मैं जानता था कि उनके घर में
कोई भी नहीं था तभी वो बोली कि यहाँ तो कोई भी नहीं है तभी वो बोली कल
चलेंगे मैं उनके साथ घूमने चाहता था और इसी लिए मेरा चेहरा उदास हो गया और
भाभी को भी शायद ये अहसास हो गया था की मैं ना खुश हूं तभी वो बोली चलो हम
दोनो ही घूमने चलते है
तभी हम लोग सबसे पहले सिनेमा देखने गए और वहां पे मूवी लगी थी ऐतराज़
हमने मूवी का पूरा एन्जॉय किया जब भी उस फ़िल्म में सेक्सी सीन आता था तो
मैं और भाभी एक दूसरे को देखने लगते थे मुझे ये महसूस हुआ कि भाभी और मेरे
मन में कुछ न कुछ तो था तभी हम लोग सिनेमा हॉल से बाहर निकले और तभी बारिश
शुरू हो गयी हम लोग वहीं पर अटक गए बारिश रुकने का नाम भी नहीं ले रही थी
और हमे शाम हो गई अभी भी बारिश रूकी नहीं थी तभी भैया का फ़ोन आया और भाभी
ने बहाना बनाया कि वो अपनी सहेलियों के साथ है और अगर बारिश नहीं रुकी तो
वो कल सुबह घर आयेंगी
मैं समझ गया कि भाभी के मन में क्या है और भाभी ने मेरी तरफ़ देखा और
हंसने लगी। हम दोनो ने एक कमरा किराये पर ले लिया और हमने उस कमरे में ही
रात गुजारने की सोची। भाभी बोली कि तुम्हें मेरे साथ एक कमरे में सोने में
कोई ऐतराज़ तो नहीं तभी मैं बोला कि नहीं भाभी. वो बोली तो ठीक है जो खाना
है ओर्डर कर दो रात बहुत हो गयी है हमें सोना है और जल्दी से घर पहुंचना है
हम दोनो ने खाना खाया और भाभी सो गयी या सोने का नाटक कर रही थी।
उन्होंने सोते समय अपनी साड़ी घुटनों से ऊपर कर रखी थी और टांगें खोल रखी
थी। तभी मुझे यह देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया और भाभी अभी भी ऐसी लगती थी
कि उनकी अभी भी शादी नहीं हुई ह। उनका फ़ीगर ३६ २६ ३८ होगा और बहुत सेक्सी
थी। तभी मैं उनको देख कर मुठ मारने लगा कि तभी भाभी ने उठ कर मुझ से कहा कि
अकेले अकेले ही मज़ा ले रहे हो मैं जो ये किराये का कमरा लेकर तुम्हारे साथ
रुकी हुई हूं, इसका क्या होगा? मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूं मैने ऐसा भाभी
से कहा। तभी भाभी ने कहा कि जब से मेरी शादी हुई है मेरी आग अभी तक एक बार
ही बुझी है और वो भी मेरे भाई ने बुझाई है ये जो मेरा बच्चा है वो मेरे
भाई का है मेरे पति का तो लन्ड खड़ा भी नहीं होता और खड़ा भी होता है तो झड़ता
ही नहीं वो तो मेरे पति नाम के ही है
तभी भाभी मुझसे चिपक कर रोने लगी और कहने लगी मैं अपनी आग को शान्त करना
चाहती हूं और कहने लगी जब तुम मेरे घर आ रहे थे तब मैंने तुम्हें आते हुए
देख लिया था और मैंने नहाने का बहाना किया था जबकी मैं कब की नहा चुकी थी
और ये सब प्लान बनाये और इत्तेफ़ाक से आज बारिश भी हो गयी। फ़िर कहने लगी की
अब बाकी बातें बाद में पहले अपने काम को अंजाम देते हैं। भाभी ने मुझे बेड
पर पटक दिया और मेरे ऊपर आ कर मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी पूरी नंगी
हो गयी और मेरे ऊपर चढ कर मेरा लन्ड सहलाने लगी। वो मेरे ऊपर ६९ की पोजीशन
में लेट गयी, मेरा लन्ड अपने मुंह में ले लिया और कहने लगी- बुझा दो मेरी
आग, एक साल से लगी आग आज बुझा दो मैं भी जोश में आ गया और उन्हें चूमने
लगा। आधे घन्टे तक हम चूमा चाटी करते रहे और फ़िर मैं झड़ गया।
भाभी बोली- जब तक मैं तुम्हे दोबारा तैयार करती हूं तब तक तुम मेरी चूत
का पानी अपने मुंह से निकालो। मैंने अपने मुंह से चोद चोस के भाभी का पानी
निकाल दिया। तब तक मेरा लन्ड तैयार हो चुका था। अब भाभी ने मुझ से कहा कि
अब सहा नहीं जाता, प्लीज मुझे चोदो। मैंने भाभी को पीठ के बल लिटाया और
दोनो टांगें फ़ैला कर अपना लन्ड उनकी चूत पे रगड़ने लगा तभी भाभी ने कहा कि
अब बर्दाशत नहीं होता, अब चोद दो, मैने एक जोर का झटका लगाया और पूरा लन्ड
भाभी की चूत में डाल दिया।
भाभी को बड़े लन्ड की आदत नहीं थी। लन्ड उनकी चूत को फ़ाड़ता हुआ अन्दर चला
गया भाभी के मुंह से चीख निकल गयी और वो रोने लगी। मैंने पूछा तो भाभी
कहने लगी- कुछ नहीं, तुम चोदते रहो। मैंने भाभी को आधे घन्टे तक चोदा और हम
दोनो एक साथ झड़ गये। उस दिन मैंने भाभी की गान्ड भी मारी और पूरी
छुट्टियों में कई बार जब भी मौका मिलता, चोदा। और अब जब भी छुट्टी होती है
तब मैं भाभी के पास जरूर जाता हूं भाभी भी मेरा इन्तजार करती है और बेसबरी
से इन्तजार करती हैं.